संगम में महाकुम्भ चल रहा है . लाखों लोग गंगा में डुबकी लगा लगा कर
अपने पाप धो रहे हैं . लेकिन गंगा की दुर्दशा पर किसी को रहम नहीं आ रहा .
जहाँ तक मैं जानता हूँ, गंगा के साथ दो-दो विडंबनायें एक साथ जुडी हैं .
एक तो यह कि गंगा सूखती जा रही है और दूसरी यह की गंगा में हर साल
बाढ़ आती है जिससे लाखों लोग तबाह होते हैं . अब तक अरबों रूपया गंगा
की शुद्धि के नाम पर खर्च किया जा चुका है लेकिन नतीजा ठनठन गोपाल ही
रहा है . मुझे एक तरकीब सूझी है गंगा को शुद्ध और सतत प्रवाहित रखने की
जो मैं आपके साथ बांटना चाहता हूँ और पूरे देश को बताना चाहता हूँ . परन्तु
अपना आइडिया बताने के पहले मैं आप सब से निवेदन करता हूँ कि कृपया
आप भी अपने विचार बताएं कि गंगा को कैसे बचाया और शुद्ध किया जा सकता
है . आइडिया ऐसा हो जैसे एक तीर से दो शिकार . गंगा सूखे भी नहीं और बाढ़
का आना भी बंद हो जाये .
आपके विचार सादर आमंत्रित हैं
जय हिन्द